मेरा पड़ोसी
हमारे जीवन में पड़ोसियों का बहुत महत्व है। रिश्तेदार, भाई और दोस्त आपकी मदद के लिए तब आते हैं जब वे आपके साथ नहीं होते हैं। तो पड़ोसी अच्छा हो तो जीवन सुखी हो जाता है लेकिन पड़ोसी बुरा हो तो उसके कष्ट के कारण जीवन का सुख नष्ट हो जाता है।
हमारे पड़ोसी का नाम रामभाऊ है। वह लगभग 45 वर्ष का है और एक व्यवसायी है और अपने परिवार के साथ हमारे घर के पास रहता है। वे पेशी और साहसी हैं। वे रोज सुबह जल्दी उठते हैं और टहलने जाते हैं। घर आने के बाद वे स्नान कर भगवान की पूजा करते हैं। इसके बाद वे अपनी दुकान के काम पर निकल जाते हैं। वे बहुत दयालु और मार्मिक स्वभाव के होते हैं, इसलिए उनके ग्राहक उनसे हमेशा खुश रहते हैं।
रामभाऊ और हमारे परिवार के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। वे उन पड़ोसियों की तरह कतई नहीं हैं जो दु:ख में मुंह मोड़ लेते हैं। वे बहुत विनम्र, उदार और मिलनसार लोग हैं। ये किसी को दर्द में नहीं देख सकते ये हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं। हमारी कॉलोनी में उन्हें उनके नेचर की वजह से हर कोई जानता है।
रामभाऊ वास्तव में एक आदर्श पड़ोसी हैं। उनके परिवार में पत्नी साधनाबाई और पुत्र राजेश हैं। राजेश दादा कॉलेज में पढ़ते हैं। अगर मुझे पढ़ाई में कोई दिक्कत आती है तो वह मेरी मदद करते हैं। वह पढ़ाई में अच्छा है, इसलिए मैं उससे अपनी स्कूल की पढ़ाई की समस्याओं के बारे में भी पूछता हूं। महेश दादा की मां साधना चाची और मेरी मां हमेशा गप्पें मारती रहती हैं। वे एक-दूसरे को घर में बने अलग-अलग व्यंजन परोसते हैं। अगर वे टहलने के लिए बाहर जाना चाहते हैं या बाजार में सब्जियां खरीदना चाहते हैं, तो माँ और साधना उनके साथ जाती हैं।
रामभाऊ का पूरा परिवार मिलनसार है। आज हमारा परिवार और उनका परिवार करीब 10 साल से बगल में रह रहा है। लेकिन हमारे दोनों परिवारों में कभी झगड़ा नहीं हुआ। और हमारे बीच प्रेम का कारण श्रीरामप्रसाद के परिवार का स्वभाव है। उन्होंने अपने व्यवहार से एक आदर्श पड़ोसी की मिसाल कायम की है। हम वास्तव में भाग्यशाली महसूस करते हैं कि हमारे पास ऐसे अच्छे पड़ोसी हैं। और भगवान का शुक्र है।
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Source : Google
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