केवलप्रयोगी अव्यय

 केवलप्रयोगी अव्यय 


केवलप्रयोगी अव्यय


            मनातील उत्कट भावना व्यक्त करणाऱ्या अविकारी शब्दाला केवलप्रयोगी अव्यय असे म्हणतात.


केवलप्रयोगी अव्यय भावना प्रधान असतात.


१)             हर्षदर्शक : अहाहा, आ-हा, अहा, वा, वा-वा, ओ-हो


२)          शोकदर्शक : शिव-शीव, हरहर, देवा रे, रामा रे, अंगाई, आई गं, हाय, हायहाय, ऊ, अं, अरेरे


३)          आश्चर्यदर्शक : ऑ, ओहो, अबब, अहाहा, बाप रे, ओ, अरेच्चा


४)         प्रशंसादर्शक : छान, वाहवा, भले, शाब्बास, यव, चॅन, ठीक, फक्कड, खाशी


५)          संमतीदर्शक : ठीक, जिहा, जी, हां, बराय, अच्छा


६)         विरोधदर्शक : छे छे, अहं, उहू, ऊ, हॅट, छट, छे, च


७)          तिरस्कारदर्शक : धिक, थू, शी, इश्श, हुडत, हूड, फूस, हात, छत, छी


८)          संबोधनदर्शक : अगं, अरे, अहो, ए, अगा, अगो, बा, रे


९)          मौनदर्शक : चूप, चुपचाप, गप, गुपचूप

स्त्रोत : Google 

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