अगर मेरे पंख होते
खुले आसमान को देखकर मन में एक सवाल आता है, अगर मेरे पास पंख होते तो क्या होता? मैं अलग होता तो कितना मजा आता। मेरे पंख कभी नहीं रुकेंगे। मैं जहां भी जाना चाहता था, मुझे उड़ा दिया जाता। स्कूल जाने के लिए बस का इंतजार न करना पड़ता, उड़कर स्कूल पहुंच जाता। मैं ख़ुशी से हवा काट देता जैसे पक्षी हवा में उड़ते हैं।
विंग ने मुझे हवाई जहाज में मुफ्त सवारी दी होगी। अलग-अलग देशों की जानकारी पढ़ने के बाद मैं उन देशों में रुक जाता। पंखों के सहारे शहर का खूबसूरत नजारा देखता। शहर का यह नजारा मोबाइल फोन में कैद कर दोस्तों को दिखाया जाता। पंख लगाकर मैं अपनी माँ को रोज घुमाने ले जाता था। अपने दोस्तों को जन्मदिन के तोहफे के रूप में एक फेदर वॉक देता। मैं ठंडी हवा में टहल लेता। पंख के सहारे रूई जैसे नर्म बादलों में पहुँच जाता।
पंख होने से मैं सुपर हीरो जैसा दिखता। मैं शहर के चोर डकैतों को पकड़ने और उनका पता लगाने के लिए ऊँचा उड़ जाता। एक पंख मुझे ऊपर से सारी दुनिया देखने की इजाज़त देता, मैं अपनी आँखों को एक खूबसूरत नज़ारे से भर देता। मैं यह पता लगाने के लिए ऊपर जाता कि बारिश कहां से आती है। बचने के खेल में मुझे कोई नहीं हरा सकता था। पंख मुझे प्रकृति के बारे में और अधिक सिखाते। मैं ऊँचे पहाड़ों और गहरी घाटियों से होकर उड़ जाता। मैं उड़कर देखने जाता कि समुद्र का क्या अंत है।
पंख होने का विचार बड़ा सुखद है। परन्तु यहोवा ने पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी की रचना भिन्न प्रकार से की है। हालाँकि मनुष्य के पास पंख नहीं हैं, फिर भी उसके पास बुद्धि है। अपनी बुद्धि के बल पर वह कुछ भी कर सकता है। भले ही आज मेरे पास भौतिक पंख नहीं हैं, मेरा ज्ञान और जुनून ही मेरे पंख हैं। क्योंकि आज की दुनिया में कोई भी व्यक्ति ज्ञान से ऊंची उड़ान भर सकता है। जिस व्यक्ति के पास ज्ञान के पंख होते हैं वह परिवार, समाज और देश का कल्याण करता है। इसलिए मैं समय-समय पर नई-नई किताबें और जानकारियां पढ़कर अपने ज्ञान के पंख फैलाता रहूंगा।
मराठी विषयातील इतर निबंध पाहण्यासाठी क्लिक करा
हिंदी विषयातील निबंध पाहण्यासाठी क्लिक करा
English विषयातील निबंध पाहण्यासाठी क्लिक करा
Source: Internet
Post a Comment