अगर बारिश नहीं हुई

 अगर बारिश नहीं हुई

अगर बारिश नहीं हुई


बरसात के मौसम में, कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है जबकि कुछ क्षेत्रों में सूखा पड़ता है। लेकिन कई बार मैंने सोचा है कि बारिश नहीं होती तो...? भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की 80% कृषि प्राकृतिक वर्षा पर निर्भर है। मानसून के दौरान बारिश होने पर किसान बहुत खुश होते हैं। छोटे बच्चे बारिश में भीगने का लुत्फ उठा रहे हैं। जब वर्षा होती है तो सभी को गर्मी से राहत मिलती है और सुखद ओस का निर्माण होता है।


अगर बारिश नहीं होती, तो हम आज पृथ्वी पर जितनी हरियाली देखते हैं, उतनी हरियाली नहीं देख पाते। किसान की फसल नहीं उगेगी, जगह-जगह सूखे पेड़ और जमीन होगी। यदि खेत में फसल नहीं होगी तो हमें भोजन नहीं मिलेगा। वर्षा के कारण हमारी भोजन की आवश्यकता पूरी हो जाती है परन्तु यदि वर्षा न हो तो हमें भोजन नहीं मिलेगा। भुखमरी कई लोगों को मार डालेगी।


अगर बारिश नहीं होगी तो पेड़ मर जाएंगे और वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाएगी, जिससे लोगों को ऑक्सीजन की कमी होगी और सांस की समस्या होगी। ऑक्सीजन की कमी से धरती पर जीवन मुश्किल हो जाएगा। पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। लेकिन जब बारिश नहीं होगी तो पौधे पूरी तरह से मर जाएंगे जिससे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिलेगी। मनुष्य हवा के बिना कुछ ही मिनट जीवित रह सकता है। वर्षा के बिना वृक्ष नहीं होते और वृक्षों के बिना वायु नहीं होती जिसके फलस्वरूप मानव जीवन स्वयं ही नष्ट हो जाता है।


यदि वर्षा नहीं होती है तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे पास पीने के लिए पानी नहीं होगा। पानी की कमी से इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर अन्य जीव भी मर जाएंगे। धरती पर मौजूद सभी नदियां और नाले सूख जाएंगे और केवल समुद्र का पानी रह जाएगा, समुद्र का यह खारा पानी सेहत के लिए हानिकारक है इस पानी को पीने से हमें कई तरह की बीमारियां हो जाएंगी।


आज हम अपनी जरूरत के लिए बाजार से फल और फूल लेने जाते हैं। इन फलों को हम भोजन के रूप में प्रयोग करते हैं। लेकिन अगर बारिश नहीं होगी तो हमें फल, फूल और सब्जियां नहीं मिलेंगी। धीरे-धीरे नदी और झील में पानी कम हो जाएगा। आज हम जहाँ भी देखते हैं पानी का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है। घर पक्का हो या कच्चा, हर जगह पानी की जरूरत होती है। इसलिए पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बारिश बहुत जरूरी है।


अगर बारिश नहीं होती, तो हमारा सृष्टि का चक्र पूरी तरह से बाधित हो जाता। हर जीव को जीवित रहने के लिए अलग-अलग मौसम की जरूरत होती है। आज के युग में मनुष्य बहुत अधिक प्रदूषण कर रहा है, इस प्रदूषण के कारण कम वर्षा या अम्लीय वर्षा जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। अतः हमें प्रदूषण को कम करके सृष्टि के चक्र को सुचारू रखने का प्रयास करना चाहिए। अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने चाहिए। प्रकृति को हमेशा प्रदूषण मुक्त रखना चाहिए। वायु, जल, ध्वनि और मृदा प्रदूषण को रोका जाना चाहिए। ताकि अतिवृष्टि और सूखे की समस्या से निजात मिल सके।

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Source: Internet

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