साक्षरता का महत्व

 साक्षरता का महत्व

साक्षरता का महत्व

  कहा जाता है, "जो लड़ाई तलवार से नहीं जीती जाती उसे कलम के बल से जीता जा सकता है"। और ये बात बिलकुल सच भी है. क्योंकि कलम पकड़ना मूल रूप से साक्षरता का पैमाना है। आज के आधुनिक युग में शिक्षा का बहुत महत्व है।


साक्षरता का महत्व:

भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। क्योंकि हमारे देश में अधिकांश लोग गांवों में रहते हैं। इन लोगों में खेतिहर मजदूरों आदि की संख्या अधिक है और ये सबसे अधिक अशिक्षित और अनपढ़ लोग हैं। ऐसे समय में कई चतुर व्यापारी, कुटिल नेता और सरकारी अधिकारी अपने काम के लिए अशिक्षा का लाभ उठाते हैं।


साक्षरता क्या है?

साक्षरता का अर्थ है देश के अशिक्षित लोगों को पढ़ने-लिखने की शिक्षा देना। दूसरे शब्दों में, साक्षर होने का अर्थ है पढ़ने और लिखने की क्षमता हासिल करना। भारत में राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के अनुसार, एक व्यक्ति साक्षर है यदि वह अपना नाम पढ़ और लिख सकता है।


वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व बहुत अधिक है। शिक्षा जीवन का एक अनिवार्य पहलू है। इसके अलावा अनपढ़ लोग भी हमारे ही समाज का हिस्सा हैं। और उन्हें साक्षर बनाना हमारा कर्तव्य है। क्योंकि यदि किसी देश का प्रत्येक नागरिक साक्षर होगा तभी वह देश उन्नति करेगा। साक्षरता देश के सामाजिक और आर्थिक विकास से जुड़ी है। शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान है।


अनपढ़ लोग सरकार की योजनाओं को ठीक से समझ नहीं पाते हैं और इस वजह से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। पढ़े-लिखे लोग सरकार के सही फैसलों में सहयोग करते हैं और गलत फैसलों का विरोध भी करते हैं। एक साक्षर व्यक्ति अपने मत का मूल्य जानता है। इसलिए वह अपना वोट सही नेता को देते हैं।


हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। इस देश में एक किसान साक्षर होने पर ही कृषि से अधिक आय प्राप्त कर सकता है। शिक्षित किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हैं। वे खेत से अधिक अनाज पैदा करने के लिए नए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं। और अपने गांव और देश का विकास करे।


जिस तरह पुरुषों के लिए शिक्षा जरूरी है, उसी तरह महिलाओं के लिए भी शिक्षा जरूरी है। एक शिक्षित महिला अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को शिक्षित करती है। साथ ही नौकरी व व्यवसाय कर परिवार को आर्थिक सहयोग प्रदान करता है। इससे समाज में परिवार की उन्नति शीघ्र होती है।


उस देश में विकास की दर से पता चलता है कि कम साक्षरता के कारण देश को कितना नुकसान होता है। दुनिया भर में साक्षरता के महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 17 नवंबर 1965 और 8 सितंबर को 'विश्व साक्षरता दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। विश्व साक्षरता दिवस पहली बार 1966 में मनाया गया था और तब से हर साल 8 सितंबर को यह दिवस मनाया जाता है।


हमारे देश की एक बड़ी आबादी आज भी निरक्षर है। इसके पीछे कारण यह है कि कई ग्रामीण गांवों में आज भी सही नहीं मिल पा रहा है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर छात्र निजी स्कूलों में नहीं पढ़ सकते हैं। इसलिए समाज और सरकार दोनों को शिक्षा के महत्व को जानना चाहिए, चाहे वह लड़का हो या लड़की, और शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने का काम करें। शिक्षा बढ़ेगी तो लोग साक्षर बनेंगे और हर क्षेत्र में तरक्की करेंगे और इससे देश भी आगे बढ़ेगा।


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Source: Internet

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